जेफरीज (Jefferies) के मुताबिक भारत पिछले दो सालों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था (Economy) बन गया है. उसने कहा कि इसके पीछे मुख्य वजह कैपेक्स साइकिल का बेहतर होना, बेहतर कैपिटलाइज्ड बैंकिंग सिस्टम, मजबूत क्रेडिट ग्रोथ, हाउसिंग सेक्टर की अच्छी ग्रोथ, मजबूत घरेलू खपत और सर्विस सेक्टर का बढ़ता एक्सपोर्ट है.
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हाउसिंग और कॉरपोरेट में कैपेक्स बेहतर होना शुरू
रिसर्च फर्म ने 2 जनवरी को एक नोट में कहा कि FY24 के पहले छह महीनों में GDP में 7.7% की मजबूत ग्रोथ देखने को मिली है. हाउसिंग और कॉरपोरेट में कैपेक्स साइकिल अब बेहतर होना शुरू हुई है. और ये बाकी दशक के दौरान बड़ी ग्रोथ की वजह बन सकती है. IMF का अनुमान है कि भारत दुनिया की इंक्रिमेंटल GDP में 7-8% का योगदान देगा.
निफ्टी अर्निंग FY20-24E के दौरान 21% CAGR बढ़ी है. FY25/CY24 के लिए अर्निंग का आउटलुक मजबूत है. क्योंकि मध्य अवधि में कॉरपोरेट खर्च बढ़ा है और मजबूत बैलेंस शीट से भी फायदा मिलने की उम्मीद है.
नोट में कहा गया है कि दूसरे उभरते बाजारों या बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ तुलना करें तो भारत में ज्यादा मजबूत और बेहतर अर्निंग परफॉर्मेंस देखी गई है.
ब्याज दरों के घटने की उम्मीद: जेफरीज
रिसर्च फर्म ने कहा कि CY24 के आखिरी छह महीनों में अच्छी कैपेक्स साइकिल, मजबूत डिमांड और ब्याज दरों के घटने की उम्मीद है. इससे भारतीय कंपनियों को अगले साल अर्निंग में 15% प्लस की ग्रोथ करने का विश्वास मिलेगा.
कई चीजों जैसे सप्लाई चैन डायवर्सिफिकेशन और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम्स से कैपेक्स बढ़ेगा और अलग-अलग इंडस्ट्रीज में उत्साह आएगा. नए प्रोजेक्ट के ऐलान के डेटा से कैमिकल इंडस्ट्री में स्थिति बेहतर होती दिखती है.
कैपिटल गुड्स की दिग्गज कंपनियों- लर्सन एंड टर्बो, सायमंस लिमिटेड, ABB इंडिया लिमिटेड और थ्रमैक्स लिमिटेड के ऑर्डर की संख्या में पिछली छह तिमाहियों में सालाना 28% की औसत ग्रोथ आई है.
FY24 की दूसरी तिमाही में इसमें सालाना 63% की बढ़ोतरी देखने को मिली है. घरों के कंस्ट्रक्शन में उछाल से बिल्डिंग मैटीरियल की लंबी सप्लाई चैन को फायदा होगा. इनमें इलेक्ट्रिकल, सीमेंट, टाइल आदि शामिल हैं.
देश में आने वाले साल में चुनाव की वजह से जनलकल्याण पर ज्यादा खर्च होगा. और ये 1 फरवरी को अंतरिम बजट में देखने को मिल सकता है.