सोने के रूप में जमा अघोषित संपत्ति का पता लगाने के लिए स्वर्ण माफी योजना पेश करने पर विचार नहीं कर रही है। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। यह स्पष्टीकरण ऐसे समय आया है जब मीडिया में खबरें आ रही हैं कि सरकार माफी योजना ला सकती है। यह लोगों और इकाइयों को बिना मुकदमे के सोने में अपने निवेश का खुलासा करने की अनुमति देगा।
सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग ऐसी किसी भी स्वर्ण माफी योजना पर विचार नहीं कर रहा है जैसा कि मीडिया में खबरें चल रही हैं। उन्होंने कहा कि बजट प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और आमतौर पर बजट से पहले इस तरह के कयास सामने आते रहते हैं।
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मीडिया में आ रही खबरों में कहा गया है कि नई आम माफी योजना से सोने के जमाखोरों को कालेधन से किए गए निवेश को वैध बनाने का मौका मिलेगा। इसके लिए उन्हें अपने पास मौजूद सोने का खुलासा करना होगा और इस पर कर का भुगतान करना होगा।
अनुमान है कि भारतीयों के पास लगभग 20,000 टन सोना जमा होगा। हालांकि, अघोषित आयात, पैतृक संपत्ति के रूप में मिले सोने इत्यादि को जोड़ लिया जाए तो भारत में 25,000-30,000 टन सोने का वास्तविक भंडार होने का अनुमान है। इससे पहले सरकार ने कालेधन पर लगाम लगाने की कोशिशों के रूप में आठ नवंबर 2016 को 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोट को चलन से हटाने की घोषणा की थी।
Goodwin Jewellers ने किया डिफॉल्ट, कई निवेशकों की रकम डूबने का खतरा
दिवाली से ठीक पहले ज्वेलरी बाजार को बड़ा झटका लगा है। केरल की ज्वेलरी कंपनी गुडविन ने ज्वेलरी मंथली डिपॉजिट स्कीम में डिफॉल्ट कर दिया है जिससे कई निवेशकों की रकम डूबने का खतरा है। मुंबई और आसपास के इलाकों में स्थित कंपनी के स्टोर पिछले 5 दिन से बंद हैं और कंपनी के मालिक और अहम कर्मचारी फरार बताए जा रहे हैं। गुडविन के डिफॉल्ट के बाद ज्वेलर्स की गोल्ड डिपॉजिट स्कीम पर फिर सवाल खड़े हो गए हैं। सरकार को इस तरह की स्कीम को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए और निवेशकों किस तरह के एहतियात रखना चाहिए आज के शो में इसी पर चर्चा करेंगे।
दिवाली से ठीक पहले निवेशकों को बड़ा झटका देते हुए Goodwin ज्वेलर्स ने डिफॉल्ट किया है। Goodwin ने मुंबई और आसपास के स्टोर बंद कर दिए हैं। दिवाली से Goodwin की डिपॉजिट स्कीम में लोगों का पैसा फंसा है। Goodwin के मालिकों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। Goodwin Jewellers ने 1992 में त्रिशूर में ज्वेलरी मैन्युफैक्चरिंग शुरू की। कंपनी बाद में ज्वेलरी होलसेल, रिटेल में भी उतरी। कंपनी ने 2004 में मुंबई में एंट्री की। मुंबई और आसपास कंपनी के 14 स्टोर हैं।
घरेलू बाजार में आज सोने में छोटे दायरे में कारोबार हो रहा है। अमेरिका में ब्याज दरें घटी हैं लेकिन फेडरल रिजर्व ने आगे और कटौती नहीं करने के संकेत दिए हैं जिससे सोने की बढ़त पर ब्रेक लगा है। रुपए में मजबूती का असर भी सोने पर देखने को मिल रहा है। अब बड़े त्योहार बीत चुके हैं और जल्द शादियों का सीजन शुरू होने वाला है, ऐसे में मैरिज सीजन में ज्वेलर्स को कैसी डिमांड की उम्मीद है,
शादी के लिए बिग टिकट ज्वेलरी खरीदते समय किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए आज हम इसी पर बात करेंगे। इस पर बात करने के लिए सीएनबीसी-आवाज़ के साथ PNG Jewellers के सौरभ गाडगिल, Bawa Jewellers के गौरव बावा और रेलिगेयर की सुगंधा सचदेवा जुड़ गए हैं।
सोना छोटे दायरे में कारोबार कर रहा है। US में दरों में और कटौती के संकेत नहीं दिखाई दे रहे हैं। उधर रुपए में मजबूती के कारण MCX सोना छोटे दायरे में नजर आ रहा है। US फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है। अमेरिका में इस साल दरों में तीसरी बार हुई कटौती हुई है। Fed ने आगे दरों में कटौती नहीं करने के संकेत दिये हैं।
घरेलू बाजार में आज सोने में छोटे दायरे में कारोबार हो रहा है। अमेरिका में ब्याज दरें घटी हैं लेकिन फेडरल रिजर्व ने आगे और कटौती नहीं करने के संकेत दिए हैं जिससे सोने की बढ़त पर ब्रेक लगा है। रुपए में मजबूती का असर भी सोने पर देखने को मिल रहा है। अब बड़े त्योहार बीत चुके हैं और जल्द शादियों का सीजन शुरू होने वाला है, ऐसे में मैरिज सीजन में ज्वेलर्स को कैसी डिमांड की उम्मीद है, उन्होने कौन से नए कलेक्शन उतारे हैं और शादी के लिए बिग टिकट ज्वेलरी खरीदते समय किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए आज हम इसी पर बात करेंगे। इस पर बात करने के लिए सीएनबीसी-आवाज़ के साथ PNG Jewellers के सौरभ गाडगिल, Bawa Jewellers के गौरव बावा और रेलिगेयर की सुगंधा सचदेवा जुड़ गए हैं।
सोना छोटे दायरे में कारोबार कर रहा है। US में दरों में और कटौती के संकेत नहीं दिखाई दे रहे हैं। उधर रुपए में मजबूती के कारण MCX सोना छोटे दायरे में नजर आ रहा है। US फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है। अमेरिका में इस साल दरों में तीसरी बार हुई कटौती हुई है। Fed ने आगे दरों में कटौती नहीं करने के संकेत दिये हैं।
साल दर साल अनुसार सोने में रिटर्न
2019 + 21.14 प्रतिशत
2018 -1.15 प्रतिशत
2017+12.57 प्रतिशत
2016 +8.63 प्रतिशत
2015 -11.6 प्रतिशत
2014 -0.9 प्रतिशत
2013 -28 प्रतिशत
2012 +5.7 प्रतिशत
2011 +11.65 प्रतिशत
2010 +27.74 प्रतिशत
उधर कच्चे तेल की कीमतों में आज मजबूती देखने को मिल रही है। अमेरिका में दरें घटने और चीन से नए राहत पैकेज की उम्मीद के कारण कच्चे तेल को सहारा मिल रहा है। चीन के मैन्युफैक्चरिंग PMI में लगातार छठवें महीने गिरावट देखने को मिली है। जिससे नए इकोनॉमिक पैकेज को लेकर उम्मीद बढ़ी है। कच्चे तेल के साथ नैचुरल गैस में भी मजबूती है।
कच्चे तेल में तेजी नजर आ रही है। अमेरिका में ब्याज दरें घटने से इसको सपोर्ट मिला है। दूसरी तरफ चीन में राहत पैकेज की उम्मीद से तेजी आई है। कमजोर PMI आंकड़ों से चीन में राहत पैकेज की उम्मीद है। इस समय चीन का मैन्युफैक्चरिंग PMI 6 महीने के निचले स्तर पर है। वहीं अमेरिका में क्रूड भंडार 57 लाख बैरल बढ़ा है।
बेस मेटल्स की बात करें तो इसकी कीमतों पर आज ज्यादातर दबाव देखने को मिल रहा है। विदेशी बाजारों से संकेत अच्छे हैं लेकिन रुपए में मजबूती से घरेलू कीमतों पर दबाव है।