भारतीय नववर्ष की शुरुआत विक्रम संवत से होती है। चैत्र और बैसाख जिसका पहला युगल मास है। बैसाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया मनाई जाती है। लोक और लोकोत्तर दोनों परंपराओं में अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2020) का बहुत महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चार युग होते हैं: कृत, त्रेता, द्वापर और कलियुग। त्रेता युग का आरंभ अक्षय तृतीया से मानते हुए भारतीय पंचांगों में इसे त्रेता युगादि तिथि का सम्मान दिया जाता है।