RIL Annual Report FY23, 07 August 2023: रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries Ltd.) ने यूनिलीवर जैसे विदेशी दिग्गजों को चुनौती देने के लिए अपने कंज्यूमर गुड्स बिजनेस के लिए 5 साल का एक महत्वाकांक्षी सेल्स टारगेट तय किया हे. ये टारगेट मौजूदा वित्त वर्ष और अगले 4 वर्षों में पूरा करने की योजना है.
RIL की वार्षिक रिपोर्ट का खुलासा 28 अगस्त को होने वाली एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में शेयरहोल्डर्स के सामने किया जाएगा.
6,000 करोड़ रुपये सेल्स का टारगेट
ताजा सालाना रिपोर्ट के अनुसार, मुकेश अंबानी की अगुवाई वाले ग्रुप ने चालू वित्त वर्ष में रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (RCPL) से 6,000 करोड़ रुपये की वार्षिक बिक्री हासिल करने का टारगेट रखा है. कंपनी को FY25-28 के बीच हर साल 15,000 करोड़ रुपये की बिक्री की उम्मीद है.
नोमुरा के नोट के अनुसार, रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड का निगमन (Incorporation) देश के सबसे बड़े रिटेलर के लिए अपने खुद के डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के बाहर स्टेपल और कंज्यूमर गुड्स सेक्टर में पूरी तरह से शामिल होने के लिए कई चरणों में से पहला प्रतिनिधित्व करता है.
हाउस ऑफ ब्रैंड्स बनाना चाहती है रिलायंस
रिलायंस ग्रुप के FMCG बिजनेस ने इस वर्ष के दौरान ‘इंडिपेंडेंस’ ब्रैंड और कोल्डड्रिंक ब्रैंड, ‘कैंपा’ सहित कई प्रॉडक्ट्स लॉन्च किए. इसकी वेबसाइट के अनुसार, इसके पर्सनल केयर पोर्टफोलियो में ग्लिमर, गेट रियल, सेफ लाइट, पेटल्स, मदरकेयर और जिव जैसे ब्रांड शामिल हैं.
इनमें से ज्यादातर ब्रैंड इसके सुपरमार्केट और हाइपरमार्केट-रिलायंस फ्रेश और रिलायंस स्मार्ट में बेचे जाते हैं. लेकिन इन प्रॉडक्ट्स की पहुंच मॉम-एंड-पॉप स्टोर्स तक हो, इसलिए ग्रुप, और अधिक डिस्ट्रीब्यूटर्स को नियुक्त करने के लिए बातचीत कर रहा है.
RCPL का लक्ष्य ‘हाउस ऑफ ब्रैंड्स’ बनाना है, जो उचित मूल्य पर लाखों भारतीयों की दैनिक जरूरतों को पूरा करने वाले प्रॉडक्ट्स की एक विस्तृत रेंज प्रोवाइड करता हो. कंपनी के अनुसार, ‘कंज्यूमर ब्रैंड बिजनेस, मजबूत ग्रोथ की राह पर है और सभी कैटगरीज अच्छा परफॉर्म कर रही हैं.’
‘मेट्रो’ के बिजनेस मॉडल से मिलेगी मदद
रिलायंस ने इस साल भारत में जर्मन व्होलसेलर ‘मेट्रो’ के कैश एंड कैरी ऑपरेशन का भी अधिग्रहण किया है. प्रबंधन का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024 में मेट्रो इंडिया से 8,000 रुपये की सेल्स होगी.
FY28 तक, ‘बाद के चार वित्त वर्षों’ में से हर वर्ष में, कंपनी ने 15,000 करोड़ रुपये तक का एनुअल सेल्स टारगेट तय किया है.
मेट्रो ने 2003 में भारत में कैश एंड कैरी बिजनेस मॉडल पेश किया था. वर्तमान में इसके 21 शहरों में 31 बड़े स्टोर हैं. मल्टी-चैनल व्होलसेलर की पहुंच 30 लाख B2B ग्राहकों तक है, जिनमें से लगभग 10 लाख फ्रीक्वेंट कस्टमर होते हैं. रिलायंस रिटेल प्रतिस्पर्धी कीमतों पर गुड्स की सोर्सिंग में मेट्रो इंडिया की ताकत का और ज्यादा फायदा उठा सकता है.