वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका और चीन के बीच शुरू हुआ टकराव चरम पर पहुंच गया है। अमेरिका ने चीन के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए बीजिंग को ह्यूस्टन स्थित महावाणिज्य दूतावास को 72 घंटे के अंदर बंद करने को कहा है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने कहा कि अमेरिका ने ह्यूस्टन में महावाणिज्य दूतावास को बंद करने के लिए कहा है। ट्रंप प्रशासन के इस कदम से बीजिंग बुरी तरह भड़क गया है। उसके एक अधिकारी ने इस कदम को अपमानजनक और अनुचित बताया है।
चीन ने दी तीखी प्रतिक्रिया, कहा- अमेरिका का पागलपन
उधर, चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इस कदम पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह हैरत में डालने वाला कदम है। चीन ने कहा कि यह अमेरिका का पागलपन कदम है। इससे दोनों देशों के संबंध और खराब होंगे। मंत्रालय ने कहा कि यह अमेरिका का एक तरफा कदम है।
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दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव बढ़ाने वाली इस कार्रवाई की विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने निंदा की है। वांग ने आगाह किया है कि अमेरिका ने अपना यह फैसला वापस नहीं लिया तो चीन भी इस पर प्रतिक्रिया देगा। चीन ने आरोप लगाया कि अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों ने राजनयिक कर्मचारियों और छात्रों को परेशान किया और निजी उपकरणों को जब्त कर लिया और उन्हें बिना किसी कारण के हिरासत में ले लिया।
चीनी कर्मचारियों ने गोपनीय दस्तावेजों को जलाया
उधर, ह्यूस्टन क्रानिकल ने पुलिस का हवाला देते हुए कहा है कि दूतावास बंद करने के आदेश के बाद से ही अन्दर से धुआं उठता नजर आ रहा है। मीडिया रिपोर्टो की मानें तो चीनी कर्मचारी गोपनीय दस्तावेजों को जला रहे हैं। न्यूज रिपोर्टर के वीडियो में वाणिज्य दूतावास के प्रांगण में आग के साथ कई कूड़ेदानों के आसपास के कई लोगों को दिखाया गया था। ह्यूस्टन के अग्निशामक और पुलिस ने न्यूयॉर्क पोस्ट से कहा है कि महावाणिज्य दूतावास के कार्यालय में आग लगने का जवाब दिया गया है।