अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे ट्रेड वार के कारण भारत को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के मोर्चे पर फायदा हो रहा है। भारत ने चालू वर्ष की पहली छमाही (जनवरी-जून) में अमेरिका को 75.5 करोड़ डॉलर (करीब 5,360 करोड़ रुपये ) का अतिरिक्त निर्यात किया है। संयुक्त राष्ट्र की व्यापार एवं निवेश इकाई अंकटाड की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत से अमेरिका को केमिकल, मेटल और अयस्कों का अतिरिक्त निर्यात हुआ है।
असल में अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार के चलते दोनों देशों के बीच व्यापार में भारी कमी आई है, जिसका फायदा भारत को मिल रहा है। अंकटाड के मुताबिक भारत ने केमिकल (24.3 करोड़ डॉलर), धातु एवं अयस्क (18.1 करोड़ डॉलर), इलेक्टिकल मशीनरी (8.3 करोड़ डॉलर) और विभिन्न मशीनरी (6.8 करोड़ डॉलर) की अतिरिक्त बिक्री करके यह लाभ कमाया। इसके अलावा कृषि, खाद्य उत्पाद, फर्नीचर, कपड़े और परिवहन उपकरणों का निर्यात भी ब़ढ़ा है।
अमेरिका-चीन में द्विपक्षिय व्यापार घाटा
रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वार के कारण दोनों देशों के आपसी व्यापार में भारी गिरावट आई है। इसलिए अमेरिका में उन देशों से आयात ब़ढ़ा है, जो सीधे तौर पर ट्रेड वार से नहीं जुड़े हैं। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार की वजह से 2019 की पहली छमाही में करीब 2,100 करोड़ डॉलर का व्यापार प्रभावित हुआ है।
ताइवान, मेक्सिको और यूरोपीय संघ को हुआ काफी फायदा
चीन के उत्पादों पर अतिरिक्त अमेरिकी शुल्क ने अन्य देशों को अमेरिकी बाजार में और अधिक प्रतिस्पर्धी बना दिया है। इससे इन अन्य देशों का अमेरिका को व्यापार बढ़ा है। ताइवान, मेक्सिको और यूरोपीय संघ को यूएस-चाइना ट्रेड वार से काफी फायदा हुआ है। अंकटाड ने कहा कि दक्षिण कोरिया, कनाडा और भारत को व्यापार में कम लाभ हुआ है, लेकिन फिर भी यह पर्याप्त है।