भारतीय नववर्ष की शुरुआत विक्रम संवत से होती है। चैत्र और बैसाख जिसका पहला युगल मास है। बैसाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया मनाई जाती है। लोक और लोकोत्तर दोनों परंपराओं में अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2020) का बहुत महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चार युग होते हैं: कृत, त्रेता, द्वापर और कलियुग। त्रेता युग का आरंभ अक्षय तृतीया से मानते हुए भारतीय पंचांगों में इसे त्रेता युगादि तिथि का सम्मान दिया जाता है।
भविष्य पुराण में भी कहा गया है कि इस दिन किया गया तीर्थ, तप और दान अनंत फलदायी होता है। भविष्योत्तर पुराण में कृष्ण-अर्जुन संवाद के माध्यम से अक्षय तृतीया का महत्व बताते हुए कृष्ण कहते हैं कि यह तिथि हर एक पुण्य कार्य का अक्षय फल देने वाली है, वहीं विष्णु धर्मोत्तर पुराण में कहा गया है कि इस दिन उपवास के सुकृत का अक्षय फल मिलता है।
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। अक्षय तृतीया की तिथि अबूझ मुहूर्त की तिथियों में से एक है। अक्षय तृतीया इस बार 26 अप्रैल को है। इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य जरूर सफल होता है। अक्षय तृतीया पर किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए पंचांग देखने की आवश्कता नहीं होती। इस तिथि में किया गया कोई भी कार्य कभी भी निष्फल नहीं होता है। यही वजह है कि लोग घरों में वैवाहिक कार्यक्रम, धार्मिक अनुष्ठान, गृह प्रवेश, व्यापार, जप-तप और पूजा-पाठ करने के लिए अक्षय तृतीया के दिन को ही चुनते हैं। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के दिन ही भगवान विष्णु के छठें अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था।
इसी कारण आज ही के दिन परशुराम जयंती (Parshuram Jayanti) मनाया जाता है. हिन्दू परंपराओं के अनुसार, परशुराम (Parshuram) भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं. भगवान परशुराम जितने वीर, पराक्रमी और बुद्धिमान थे उससे कहीं ज्यादा वह अपने क्रोध के लिए जाने जाते थे. क्रोध में ही परशुराम ने भगवान गणेश का एक दांत तोड़ दिया था. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस अक्षय तृतीया पर 23 साल के बाद अद्भुत संयोग बन रहा है. छह राजयोग भी एक साथ हैं. रोहिणी नक्षण भी आज है. इतने सारे संयोग के कारण इस बार के अक्षय तृतीया को बेहद अहम माना जा रहा है.
अक्षय तृतीया बैसाख शुक्ल पक्ष तृतीया के दिन यानी आज 26 अप्रैल, दिन रविवार को मनाया जा रहा है. अक्षय तृतीया के दिन को विवाह, गृह प्रवेश सहित सभी शुभ कार्यों के लिए शुभ माना जाता है. लेकिन इस बार कोरोना के कारण लॉकडाउन की स्थिति है. सभी मांगलिक कार्य स्थगित हैं. ऐसे में हम सभी घर पर ही पूजा पाठ करें. आपको बता दें कि आज का दिन सोना खरीदने के लिए भी बहुत ही शुभ माना गया है. मान्यता है कि भगवान विष्णु का मां लक्ष्मी के साथ आज ही के दिन विवाह हुआ था. अक्षय तृतीया को स्वयं सिद्ध मुहूर्त की मान्यता दी गई है.
अक्षय तृतीया का मुहूर्त-
तृतीया तिथि प्रारंभ: 11:50 बजे (25 अप्रैल 2020)
तृतीया तिथि समापन: 13:21 बजे (26 अप्रैल 2020)
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