Gold Silver Zoom Like a “Superman”
Gold MCX Hit High @29936 Level
Sell Sell Sell, Keep Eye on 30115 Level,
Stop Loss (Closing Basis) 30115 level
Target 🎯🎯 29480⇒ 29080.🎯🎯
Trade With Small Lots and Trade With Stop Loss
Silver MCX Hit High @37923 Level
Sell Sell Sell, Keep Eye on 38440 Level,
Stop Loss (Closing Basis) 38440 level
Target 🎯🎯 36700⇒ 36030. 🎯🎯
Trade With Small Lots and Trade With Stop Loss
Neal Bhai 9899900589
“We Make Ideas”
Neal Bhai Reports ↔ New Delhi ↔ India
रेल मंत्री सुरेश प्रभु की, जिन पर एक तरफ भारतीय रेल को पटरी पर लाने की बड़ी जिम्मेदारी है, और दूसरी तरफ देश के करोड़ों रेल यात्रियों की उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती है। प्रभु कृपा से पिछले 1 साल में रेल छुक-छुक गति से ही चल रही है लेकिन सपना है इसको बुलेट रफ्तार से चलाने का। इसके लिए चाहिए पैसा, लेकिन एक तो प्रभु का खजाना खाली है, दूसरा सारी कमाई सैलरी और पेंशन में साफ हो जाती है। ऐसे में नई ट्रेनें चलाने, पैसेंजर सेफ्टी सुनिश्चित करने, साफ-सफाई और वर्ल्ड क्लास स्टेशनों के लिए कहां से आएगा पैसा, क्या किराया बढ़ाकर रेलवे की सर्जरी होगी। क्या प्रभु उठा पाएंगे जोखिम, यही है बड़े सवाल।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु का 1.25 लाख करोड़ रुपये का क्षमता विस्तार प्लान है। रेल बजट में कमाई बढ़ाने के लिए महंगी स्पेशन ट्रेनों का एलान संभव है। मुंबई के लिए एसी लोकल का एलान मुमकिन है। स्टेशन और ट्रेन को साफ-सुथरा बनाने का ठोस प्लान आ सकता है। 400 स्टेशनों को ग्रीन स्टेशन बनाए जाने का एलान हो सकता है। रेल बजट में रेल मंत्री सुरेश प्रभु का फोकस सेफ्टी अपग्रेडेशन, इलेक्ट्रिफिकेशन और आधुनिकीकरण पर ज्यादा खर्च करने पर होगा।
रेल मंत्री यात्री किराये में 5-10 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकते हैं। नए प्रोजेक्ट के लिए राज्यों के साथ ज्वाइंट वेंचर पर जोर हो सकता है। हालांकि रेल बजट में नई ट्रेनों का एलान होने की उम्मीद कम है। प्रीमियम हाई स्पीड पार्सल ट्रेन चलाने का एलान हो सकता है और ऊंचे किराये वाली स्पेशल ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। नॉन-टैरिफ कमाई बढ़ाने के उपायों का एलान संभव है। रेलवे की दूसरी सर्विसेज महंगी हो सकती हैं।
रेल मंत्री के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं, जैसे कि सातवें वेतन आयोग का 28000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है। वहीं वित्त मंत्रालय ने 2015-16 के लिए बजट में रेल मंत्रालय के बजट में 8000 करोड़ रुपये की कटौती की है। इसके अलावा किराया बढ़ाने के बावजूद रेलवे की कमाई का लक्ष्य हासिल नहीं हो सका है। जनवरी 2016 तक रेलवे की कमाई लक्ष्य से 3.8 फीसदी कम रही है। आर्थिक दबाव की वजह से रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो बढ़ता जा रहा है। वित्त वर्ष 2017 में रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो 100 के पार जाने की आशंका है।
विकास कार्यों के लिए अगले 5 सालों में रेलवे को 8.5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है। यात्री किरायों पर सब्सिडी की वजह से रेलवे का सालाना घाटा 30000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। 2014 में रेलवे के यात्री किराये में 14 फीसदी और 2015 में 10 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी। पिछले एक दशक में यात्री किराया सिर्फ 28 फीसदी बढ़ा है, जबकि पिछले एक दशक में माल भाड़ा 91 फीसदी बढ़ा है। रेलवे की कमाई का 51 फीसदी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन पर खर्च हो जाता है।