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अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर पर वार्ता का पहला दिन, सीमित समझौते की बढ़ी उम्मीद

अमेरिका और चीन के बीच करीब 15 महीने से जारी ट्रेड वॉर से दुनिया को कुछ राहत मिलती दिख रही है. अमेरिका और चीन के वार्ताकारों के बीच गुरुवार को दो दिवसीय वार्ता का पहला दौर संपन्न हुआ है. कारोबार जगत को उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच कुछ सीमित समझौता हो जाएगा और अमेरिका प्रस्तावित टैरिफ बढ़त को रोक देगा.

गौरतलब है कि योजना के मुताबिक अमेरिका 15 अक्टूबर से चीन के कई सामान पर टैरिफ बढ़ाने वाला है. अमेरिका के वित्त मंत्री स्टीवन म्नुचिन और व्यापार प्रतिनिधि (USTR) रॉबर्ट लाइटहाइजर चीन के उप प्रधानमंत्री लिउ ही और अन्य चीनी अधिकारियों के बीच व्हाइट हाउस के पास स्थि‍त यूएसटीआर के मुख्यालय में करीब 7 घंटे तक बातचीत हुई है.

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न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस वार्ता के बाद पत्रकारों से कहा, ‘हमने चीन के साथ अच्छी बातचीत की है.’ उन्होंने कहा कि वह व्हाइट हाउस में शुक्रवार को लिउ से मिलेंगे. व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि वार्ता काफी अच्छी चल रही है, शायद उम्मीद से बेहतर. अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों के बीच कड़वाहट के बावजूद करेंसी और कॉपीराइट प्रोटेक्शन जैसे मसलों पर समझौता हो सकता है.

चैंबर्स के अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रमुख मिरॉन ब्रिलियंट ने पत्रकारों से कहा, ‘हम एक बड़ी डील के लिए रास्ता तलाशने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए बाजार पहुंच और कम विवादास्पद बौद्धिक संपदा जैसे मसलों पर प्रगति हो सकती है. उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि इस हफ्ते करेंसी को लेकर समझौता हो सकता है. मुझे लगता है कि इससे अमेरिकी प्रशासन टैरिफ रेट में बढ़त का अपना निर्णय टाल सकता है.’

कैसे शुरू हुआ ट्रेड वॉर

चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर पिछले साल मार्च से चल रहा है, जब ट्रंप प्रशासन ने चीन से आयात होने वाले स्टील और एल्युमिनियम पर भारी टैरिफ लगा दिया था. इसके जवाब में तब चीन ने भी अरबों डॉलर के अमेरिकी आयात पर टैरिफ बढ़ा दिया था.

क्या है दुनिया पर ट्रेड वॉर का असर

जानकारों का मानना है कि यदि ट्रेड वॉर का समाधान नहीं निकाला गया तो इससे साल 2021 तक अमेरिकी अर्थव्यवस्था फिर से मंदी के दायरे में चली जाएगी. इससे पूरे दुनिया की इकोनॉमी को करीब 585 अरब डॉलर का चूना लग सकता है.

अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर सुलझ न पाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. दुनिया की प्रमुख नौ अर्थव्यवस्थाएं मंदी के कगार पर हैं. जानकारों का अनुमान है कि यदि इसका समाधान नहीं निकाला गया और ट्रेड वॉर जारी रहा तो इससे साल 2021 तक अमेरिकी अर्थव्यवस्था फिर से मंदी के दायरे में चली जाएगी. यही नहीं, इससे पूरे दुनिया की इकोनॉमी को करीब 585 अरब डॉलर का चूना लग सकता है.

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Neal Bhai has been involved in the Bullion and Metals markets since 1998 – he has experience in many areas of the market from researching to trading and has worked in Delhi, India. Mobile No. - 9899900589 and 9582247600

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