Commodities Weekly Research Report 27-11-17 To 01-12-2017
Trend Down ⇒ Sell Gold MCX Between 29550 – 29650, Stop Loss – 29845 Target – 29130 ↔ 28844
Trend Down ⇒ Sell Silver MCX Between 39850 – 39950, Stop Loss – 40444, Target – 39200 ↔ 38820
Trend Up ⇒ Buy Copper MCX Between 445 – 448 Stop Loss – 442, Target – 462 ↔ 468
Trend Up ⇒ Buy Crude MCX Oil Between 3730 – 3700, Stop Loss – 3630, Target – 3860 ↔ 3940
Trend Up ⇒ Buy Natural Gas MCX Between 185 – 183, Stop Loss – 180, Target – 192 ↔ 203
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Last Week Report:- Commodities Weekly Research Report 20-11-17 To 24-11-17
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TRADING RULES
“Letting Losses Run is the Most Serious Mistake Made by Most Investors.”
जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सरकार बजट में एक खास पैकेज का एलान कर सकती है। इसके तहत सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी को किस्तो में घटाया जा सकता है। सीएनबीसी-आवाज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक उद्योग मंत्रालय प्रस्ताव को अंतिम रुप देने में जुट गया है। जेम्स, ज्वेलरी एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने पर फोकस की नीति के तहत पहले चरण में सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी 2 फीसदी घटाकर 8 फीसदी की जा सकती है। आगे सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी 6 फीसदी तक लाने की संभावना है।
पीसी ज्वेलर के एमडी, बलराम गर्ग का कहना है कि सरकार चाहती है कि ज्वेलरी सेक्टर संगठित है क्योंकि इस इंडस्ट्री का बड़ा हिस्सा असंगठित है। हालांकि इंडस्ट्री को संगठित करने में अभी भी ड्यूटी सबसे बड़ी बाधा है। दरसअल जीएसटी से तो आधिकारिक तौर पर इंपोर्ट किए गए गोल्ड की निगरानी की जा सकती है, लेकिन अवैध रूप से होने वाले इंपोर्ट को लेकर अभी भी दिक्कत है। इस लिहाज से उम्मीद है कि बजट में सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करने का एलान हो सकता है। बजट में ज्वेलरी सेक्टर को लेकर सिर्फ ड्यूटी ही नहीं बल्कि कई और बड़े एलान भी संभव हैं।
इस हफ्ते विएना में ओपेक की अहम बैठक है। इस बैठक से पहले कच्चे तेल का दाम पिछले 2 साल के ऊपरी स्तर के पास पहुंच गया है। ब्रेंट में 64 डॉलर के बेहद करीब कारोबार हो रहा है। जबकि नायमैक्स क्रूड का दाम 58.5 डॉलर के ऊपर है। हालांकि ऊपरी स्तर से कुछ दबाव भी दिख रहा है। दरअसल बैठक में मार्च के बाद भी क्रूड उत्पादन कटौती जारी रखने पर सहमति बनने की संभावना है। इस बीच कनाडा से अमेरिका को जाने वाली तेल की पाइपलाइन बंद होने से भी कीमतों को सपोर्ट मिला है। फिलहाल एमसीएक्स पर कच्चा तेल 0.08 फीसदी की कमजोरी के साथ 3805 रुपये के नीचे दिख रहा है। वहीं, नैचुरल गैस 3.9 फीसदी की जोरदार बढ़त के साथ 190 रुपये के करीब आ गया है।
डॉलर 2 महीने के निचले स्तर पर है। ऐसे में ग्लोबल मार्केट में सोने को सपोर्ट मिला है और कॉमैक्स पर सोने का दाम 1290 डॉलर के पास है। जबकि चांदी में 17 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है। डॉलर में आई नरमी और चीन में फिर से मांग बढ़ने के अनुमान से मेटल में तेजी आई है। एलएमई पर कॉपर का दाम 1 महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है। इसमें 7 हजार डॉलर प्रति टन के ऊपर कारोबार हो रहा है। इस बीच आज डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी आई है। एक डॉलर की कीमत 68.80 पैसे के पास है। फिलहाल एमसीएक्स पर सोना 0.33 फीसदी की मजबूती के साथ 29480 रुपये के आसपास दिख रहा है। वहीं, चांदी 0.28 फीसदी की बढ़त के साथ 39350 रुपये के ऊपर दिख रही है।
एग्री कमोडिटीज में एनसीडीईएक्स पर सरसों का दिसंबर वायदा 0.9 फीसदी की बढ़त के साथ 4075 रुपये के आसपास नजर आ रहा है। वहीं, चना का दिसंबर वायदा करीब 1 फीसदी टूटकर 4935 रुपये के आसपास कारोबार कर रहा है। जबकि एमसीएक्स पर कॉटन का नवंबर वायदा 0.16 फीसदी की कमजोरी के साथ 18510 रुपये के आसपास नजर आ रहा है।
जीरे में तूफानी तेजी आई है। वायदा में इसका दाम 21500 रुपये के पार चला गया है जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। इस बीच ऊंझा में एनसीडीईएक्स के गोदामों में जीरे की डिपोजिट को लेकर दिक्कतें आ रही हैं। इसपर कारोबारियों ने एक्सचेंज और सेबी में शिकायत दर्ज कराई है।
कारोबारियों की दलील है कि मौजूदा माहौल में जीरे के कारोबार में डिफॉल्ट होने का खतरा बढ़ गया है। हाजिर में इसकी डिमांड सामान्य है, जबकि लॉन्ग पोजीशन बनते जा रहे हैं। ऐसे में पिछले 15 दिनों के दौरान जीरे में हुए सौदों की जांच होनी चाहिए। हाजिर कारोबारियों के लिए जीरे में डिलिवरी मार्जिन लगाने की भी मांग की गई है।
चने में गिरावट बढ़ गई है। वायदा में भाव फिर से 5000 रुपये के काफी नीचे आ गया है। दालों का एक्सपोर्ट खोलने का भी कीमतों को कोई सपोर्ट मिलता नजर नहीं आ रहा है। दरअसल चना समेत रबी दालों की बुआई में जोरदार बढ़त देखने को मिली है। अब तक देश भर में करीब 14 फीसदी ज्यादा दाल की खेती हुई है।
इस बीच जीरे में तूफानी तेजी आई है। वायदा में इसका दाम 21500 रुपये के पार चला गया है। जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। इस बीच ऊंझा में एनसीडीईएक्स के गोदामों में जीरे की डिपोजिट को लेकर दिक्कतें आ रही हैं। इसपर कारोबारियों ने एक्सचेंज और सेबी में शिकायत दर्ज कराई है। कारोबारियों की दलील है कि मौजूदा माहौल में जीरे के कारोबार में डिफॉल्ट होने का खतरा बढ़ गया है। हाजिर में इसकी डिमांड सामान्य है, जबकि लॉन्ग पोजीशन बनते जा रहे हैं। ऐसे में पिछले 15 दिनों के दौरान जीरे में हुए सौदों की जांच होनी चाहिए। हाजिर कारोबारियों के लिए जीरे में डिलिवरी मार्जिन लगाने की भी मांग की गई है।
उधर खाने के तेलों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने का असर सोयाबीन पर दिखने लगा है। सोयाबीन का दाम पिछले 2 महीने के ऊपरी स्तर पर चला गया है। आज भी हल्की बढ़त जारी है और 3000 रुपये के ऊपर कारोबार हो रहा है।
कच्चा तेल 2 साल के ऊपरी स्तर पर जाकर थम गया है। इसमें आज हल्की गिरावट देखी जा रही है। हलांकि नैचुरल गैस में 4 महीने के निचले स्तर से जोरदार तेजी आई है और इसका इसका दाम करीब 3.5 फीसदी उछल गया है।
बजट से पहले कमोडिटी एक्सचेंज में कारोबार करने वालों ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात कर कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स यानी सीटीटी हटाने की मांग की है। कारोबारियों ने मांग की है कि कमोडिटी ट्रांजेक्शन टैक्स यानि सीटीटी के हटाया जाए और इसको नॉन रिफंडेबल टैक्स का दर्जा मिले। फिलहाल सीटीटी को खर्च का दर्जा दिया जाता है।
कारोबारियों ने ये भी मांग की है कि सीटीटी को सेक्शन 88ई के तहत लाया जाए। बता दें कि इसके 88ई के तहत आने पर टैक्स का बोझ कम होगा। कारोबारियों पर डबल टैक्सेशन का बोझ हटाने की मांग की गई है। इसके अलावा सभी डेरिवेटिव्स को नॉन स्पैक्यूलेटिव करने और बुनियादी सुविधाएं बेहतर करने की भी मांग की गई है।