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सरकारी बैंकों की फ्रॉड रिपोर्टिंग पर RBI ने पहले भी किया था अलर्ट, बच सकता था PNB

Gold Silver Reports – पब्लिक सेक्टर बैंकों की फ्रॉड रिपोर्टिंग के ढीले रवैये पर भारतीय रिजर्व बैंक ने एक साल पहले सी सवाल उठाए थे। रिजर्व बैंक की साल 2016-17 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार सेंट्रल फ्रॉड रजिस्ट्री में पब्लिक सेक्टर बैंकों में फ्रॉड रिपोर्टिंग उम्मीद के मुताबिक नहीं हो पा रही है। सेंट्रल फ्रॉड रजिस्ट्री बैंकों में होने वाले फ्रॉड की ऑनलाइन रिपोर्टिंग के लिए बनाई गई है। जिसमें बैंकों के आरबीआई के पास फ्रॉड की रिपोर्टिंग करनी होती है। यह सिस्टम जनवरी 2016 से लागू है।

कैसे काम करता है सेंट्रल फ्रॉड रजिस्ट्री

आरबीआई ने बैंकों के लिए ऑनलाइन फ्रॉड रिपोर्टिंग सिस्टम सेंट्रल फ्रॉड रजिस्ट्री के रुप में बनाया हुआ है। इसके जरिए बैंकों को अमाउंट के आधार पर आरबीआई के ऑफिस में फ्रॉड के संबंध में अलर्ट करना होता है। इसमें अगर किसी बैंक में एक लाख रुपए से लेकर 5 करोड़ रुपए तक का फ्रॉड होता है, तो उसकी जानकारी आरबीआई के रिजनल ऑफिस में बैंक के हेड ऑफिस के जरिए देनी होती है। जबकि 5 करोड़ रुपए से ज्यादा के फ्रॉड पर सेंट्रल फ्रॉड मॉनिटरिंग सेल बंगलुरू को रिपोर्टिंग करनी होती है। फ्रॉड की रिपोर्टिंग करते समय बैंक को पार्टी का नाम और अमाउंट इसकी जानकारी एक तय फॉर्मेट में देनी होती है।

पब्लिक सेक्टर बैंकों का रुख ढीला    

आरबीआई का वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार फ्रॉड रिपोर्टिंग के मामले में पब्लिक सेक्टर बैंकों का रवैया उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है। इस मामले में बैंकर जी.एस.बिंद्रा का कहना है कि रिपोर्टिंग का मैकेनिज्म अभी एक साल पुराना है। बैंकिंग सेक्टर इसके जरिए फ्रॉड की टाइम पर रिपोर्टिंग कर सकता है। जिसका फायदा किसी बड़े फ्रॉड को समय से पहले डिटेक्ट करना आसान होगा।

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जेटली ने भी बैंक मैनेजमेंट पर साधा निशाना   

11400 करोड़ के PNB फ्रॉड मामले पर पहली बार फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने बयान देते हुए बैंक मैनेजमेंट पर निशाना साधा है। जेटली ने कहा है कि इतना बड़ा बैंक घोटाला बैंक मैनेजमेंट का फेलियर है। फिलहाल इस मामले में जो भी दोषी हैं, उन्हें सजा मिलेगी। उनका कहना है कि बैंकों का पैसा लूटकर देश छोड़ चुके लोगों को सजा देकर ऐसे मामले में उदाहरण पेश करने की जरूरत है। जेटली ने कहा कि सुपरवाइजरी एजेंसियों को इस मामले में आत्मविश्‍लेषण करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों बिना बैंक मैनेजमेंट की लापवाही के नही हो सकते हैं। यह ऑडीटर्स और मैनेजमेंट का फेलियर है। बता दें कि हीरा कमारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि जेम्स के एमडी मेहुल चौकसी पर मिली-भगत से पंजाब नेशनल बैंक के 11500 करोड़ के घोटाले का आरोप है, जो मामला सार्वजनिक होने के बाद देश छोड़कर भाग चुके हैं। – Goldman Neal Bhai Reports

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Neal Bhai has been involved in the Bullion and Metals markets since 1998 – he has experience in many areas of the market from researching to trading and has worked in Delhi, India. Mobile No. - 9899900589 and 9582247600

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