सोने में निवेश महंगाई का सुरक्षा कवच है। अनिश्चित माहौल में सोने में निवेश बेहतर होता है। पोर्टफोलियो में गोल्ड होना अहम होता है। लेकिन पोर्टफोलियो में 10-15 फीसदी ही निवेश गोल्ड में करें। गोल्ड बॉन्ड, ETF में निवेश सही रणनीति है। आइये सबसे पहले जानते हैं कि सोने में निवेश के क्या विकल्प हैं।
क्या है गोल्ड बॉन्ड?
इन्हें सरकार की ओर से RBI जारी करता है। गोल्ड बॉन्ड। GS एक्ट, 2006 के तहत जारी होता है। इसमें सिर्फ भारतीय निवेशकों को निवेश की सुविधा होती है। इसमें 1 ग्राम सोने में भी निवेश की सुविधा होती है। इसके जरिए सालाना 500 ग्राम सोने में निवेश कर सकेंगे।
गोल्ड बॉन्ड डीमैट फॉर्म में रखने की सुविधा होती है। गोल्ड बॉन्ड पोस्ट ऑफिस और बैंक से खरीद सकते हैं। NSE, BSE से भी गोल्ड बॉन्ड खरीदने का विकल्प है। इसमें कोई एक्स्ट्रा या हिडन चार्ज नहीं होता। इसमें सोने की शुद्धता की परेशानी भी नहीं होती। इसमें निवेशकों को सालाना 2.5 फीसदी ब्याज भी मिलेगा। गोल्ड बॉन्ड में हर छमाही में निवेशक को ब्याज मिलता है। इसको गिरवी रखकर बैंक से लोन भी ले सकते हैं। एक्सचेंज पर गोल्ड बॉन्ड की ट्रेडिंग भी होती है। इसके भुगतान के लिए नकद 20,000 रुपये और बाकी ड्राफ्ट से देना होगा। निवेश से निकलने के बाद कैपिटल गैन टैक्स नहीं लगेगा। इसमें 8 साल के लिए निवेश किया जा सकता है।
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इसमें 5 साल के बाद निवेश से निकलने का विकल्प है।
गोल्ड सेविंग फंड क्या है?
गोल्ड सेविंग फंड में SIP कर सकते हैं
गोल्ड सेविंग फंड किसी MF से खरीद सकते हैं
हर गोल्ड सेविंग फंड की NAV एक जैसी
गोल्ड सेविंग फंड में ब्रोकरेज और डीमैट चार्ज नहीं
गोल्ड बॉन्ड पर छूट
– इश्यू प्राइस में 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट
– 24-28 अप्रैल तक खुलेगा गोल्ड बॉन्ड
– IBJA के भाव से तय होगा इश्यू प्राइस
– IBJA यानी इंडियन बुलियन एंड ज्वेलरी एसोसिएशन
– आवेदकों को 12 मई को जारी होगा बॉन्ड
– 24 कैरेट सोने में निवेश की साहूलियत
– निवेश की रकम पर सालाना 2.5 फीसदी ब्याज
गोल्ड बॉन्ड निवेश: याद रखें
– सोने की कीमतें गिरने पर निवेश में नुकसान
– लंबी अवधि के निवेश में नुकसान की आशंका कम
– निवेशकों के गोल्ड बॉन्ड के यूनिट में कमी नहीं आएगी
– पोर्टफोलियो में डाइवर्सिटी के लिहाज से बढ़िया विकल्प
– पोर्टफोलियो के 5-10 फीसदी से ज्यादा निवेश ना हो
– पिछले 3 सालों में सोने की कीमतें काफी गिरी हैं
– पिछले 5 सालों में सोने में सालाना रिटर्न सिर्फ 1.63 फीसदी
गोल्ड ETF Vs गोल्ड सेविंग फंड
– गोल्ड ETF में एक बार में निवेश कर यूनिट्स
– गोल्ड सेविंग फंड में SIP कर सकते हैं
– गोल्ड ETF एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं
– गोल्ड सेविंग फंड किसी MF से खरीद सकते हैं
– गोल्ड ETF के दाम अलग-अलग हो सकता है
– हर गोल्ड सेविंग फंड की NAV एक जैसी
– गोल्ड ETF में ब्रोकरेज और डीमैट चार्ज
– गोल्ड सेविंग फंड में ब्रोकरेज और डीमैट चार्ज नहीं
– गोल्ड सेविंग फंड में एक्सपेंस रेश्यो अलग से
– गोल्ड ETF रिटर्न गोल्ड सेविंग फंड से बेहतर
– एक्सपेंस रेश्यो और कैश रिजर्व की वजह से गोल्ड सेविंग फंड में रिटर्न कम
क्या होता है गोल्ड ETF?
गोल्ड ETF एक्सचेंज में ट्रेड होने वाला गोल्ड यूनिट
गोल्ड ETF में एक बार में निवेश से यूनिट्स बनता है
गोल्ड ETF एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं
गोल्ड ETF के दाम अलग-अलग हो सकते हैं
गोल्ड ETF में ब्रोकरेज और डीमैट चार्ज
गोल्ड ETF के रिटर्न गोल्ड सेविंग फंड से बेहतर