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China’s Speculators Engage Commodities

Gold Silver Reports — The recent spike in speculative trading in commodities in China has stunned global markets, according to Morgan Stanley, which cited a jump in local activity for steel, iron ore and cotton as well as eggs and garlic.

“Now China’s speculators engage commodities,” analysts including Tom Price and Joel Crane said in an e-mailed note on Monday. “China’s latest speculative spike has stunned global markets.”

Trading in China of commodity derivatives including steel rebar surged last week after data showing a rise in credit in the world’s top commodity user spurred speculation that prices may extend gains as demand improved. The increase prompted exchange authorities in Asia’s top economy to tighten rules on the trading of some contracts, including rebar.

“The move to cap the trade suggests that China’s enhanced credit liquidity may soon be curtailed,” Morgan Stanley said in the note. “This, together with China’s upcoming Labor Day holiday, should see a short-term pullback in trade activity and commodities prices,” it said, referring to the May 1 break.

Iron ore futures on the Dalian Commodity Exchange have rallied 46 percent this year after gaining 16 percent last week. The benchmark spot price for ore with 62 percent content delivered to Qingdao was at $66.33 a dry metric ton on Friday after sinking 5.9 percent, according to Metal Bulletin Ltd.  — Neal Bhai Reports

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Neal Bhai has been involved in the Bullion and Metals markets since 1998 – he has experience in many areas of the market from researching to trading and has worked in Delhi, India. Mobile No. - 9899900589 and 9582247600

7 thoughts on “China’s Speculators Engage Commodities”

  1. अच्छे मॉनसून की संभावना से सोने की मांग में भी तेजी आने की उम्मीद बनी है। लेकिन ज्वेलरी पर एक्साइज ड्यूटी और करेंट अकाउंट घाटे को लेकर अगर कोई चिंता बनती है तो सोने की मांग पर दबाव भी देखा जा सकता है। ऐसे में आने वाले समय में सोने का आउटलुक क्या होगा, घरेलू बाजार में सोने की मांग बढ़ेगी या घटेगी, एक्साइज से सोने की मांग पर कितना असर पड़ेगा और कौन से फैक्टर तय करेंगे सोने की चाल, इन्ही सभी मुद्दों पर की गई है चर्चा।

    • सबसे पहले हम बताना चाहेंगे कि मॉनसून और घरेलू सोने की मांग में क्या संबंध है। वैसे तो मॉनसून और सोने की मांग में कोई खास रिश्ता नहीं, लेकिन 2003 और 2009 में बारिश में कमी के बावजूद सोने की मांग 15 फीसदी बढ़ी थी। माना जाता है कि अच्छा मॉनसून होने से सोना खरीदने के सेंटीमेंट में सुधार दिखता है। हालांकि 2011-13 में कृषि उत्पादन में कमी से सोने की मांग बढ़ी थी। वहीं 2014-15 में सूखे के बावजूद सोने का इंपोर्ट 900 टन तक पहुंचा था।

      • भारत में 2011-12 के दौरान 1078 टन सोने का इंपोर्ट हुआ था, तो 2012-13 में 1013 टन, 2013-14 में 661 टन, 2014-15 में 900 टन और 2015-16 में 820 टन का इंपोर्ट हुआ था। बताना चाहेंगे कि अमेरिकी डॉलर अन्य करेंसियों के मुकाबले मजबूत नजर आ रहा है, ऐसे में सोने में गिरावट की आशंका है। साथ ही अमेरिका में दरें बढ़ने से सोने पर दबाव बन सकता है। वहीं दुनिया भर में महंगाई निचले स्तरों पर रहेगी जिसका असर सोने की कीमतों पर दिख सकता है।

        • सोने की कीमतों में बढ़त भी देखने को मिल सकती है, क्योंकि आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों से खतरा है जिसका असर इकोनॉमी पर दिख सकता है जिससे सोने को फायदा हो सकता है। वहीं मांग में खास गिरावट के आसार नहीं है, ऐसे में सोने की कीमतों में तेजी भी आ सकती है।

          • मॉनसून और सोने के इंपोर्ट पर नजर डालें तो 2012-13 में 823.9 एमएम बारिश हुई और इस साल 1013 टन सोने का इंपोर्ट हुआ था। 2013-14 में 936.7 एमएम बारिश हुई और इस साल 661 टन सोने का इंपोर्ट हुआ था। 2014-15 में 781.7 एमएम बारिश हुई और इस साल 900 टन सोने का इंपोर्ट हुआ था। 2015-16 में 765 एमएम बारिश हुई और इस साल 820 टन सोने का इंपोर्ट हुआ था।

          • वहीं एग्रीकल्चर ग्रोथ और सोने के इंपोर्ट पर गौर करें तो 2012-13 में एग्री की ग्रोथ 1.4 फीसदी रही और इस साल 1013 टन सोने का इंपोर्ट हुआ था। 2013-14 में एग्री की ग्रोथ 4.7 फीसदी रही और इस साल 661 टन सोने का इंपोर्ट हुआ था। 2014-15 में एग्री की ग्रोथ सिकुड़कर -0.2 फीसदी रही और इस साल 900 टन सोने का इंपोर्ट हुआ था। 2015-16 में एग्री की ग्रोथ 1.1 फीसदी रही और इस साल 820 टन सोने का इंपोर्ट हुआ था।

  2. भारत में 2011-12 के दौरान 1078 टन सोने का इंपोर्ट हुआ था, तो 2012-13 में 1013 टन, 2013-14 में 661 टन, 2014-15 में 900 टन और 2015-16 में 820 टन का इंपोर्ट हुआ था। बताना चाहेंगे कि अमेरिकी डॉलर अन्य करेंसियों के मुकाबले मजबूत नजर आ रहा है, ऐसे में सोने में गिरावट की आशंका है। साथ ही अमेरिका में दरें बढ़ने से सोने पर दबाव बन सकता है। वहीं दुनिया भर में महंगाई निचले स्तरों पर रहेगी जिसका असर सोने की कीमतों पर दिख सकता है।

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