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धनतेरस शुभ संयोग 2019: 100 साल बाद इस महासंयोग में धनतेरस

धनतेरस शुभ संयोग 2019 — Happy Dhanteras 2019 – भगवान विष्णु के अंशावतार एवं देवताओं के वैद्य भगवान धन्वन्तरि का प्राकट्यपर्व कार्तिक कृष्णपक्ष त्रयोदशी को 25 अक्तूबर को मनाया जाएगा। ये पर्व प्रदोषव्यापिनी तिथि में मनाने का विधान है। इस दिन परिवार में आरोग्यता के लिए घर के मुख्य दरवाजे पर यमदेव का स्मरण करके दक्षिण मुख अन्न आदि रखकर उस पर दीपक स्थापित करना चाहिए।

इस वर्ष धनतेरस का मुख्य समय दिल्ली के समयानुसार शायं 07 बजकर 06 मिनट से 08 बजकर 16 मिनट के मध्य मनाना अतिशुभ रहेगा। गृहस्थों को इसी अवधि के मध्य ‘ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः। मंत्र से षोडशोपचार विधि द्वारा पूजन अर्चन करना चाहिए, इसके फलस्वरूप परिवार में दीर्घआयु एवं आरोग्यता बनी रहती है।

पूजा मुहूर्त- शाम 7:06 बजे से रात 08:16 बजे तक
प्रदोष काल- शाम 05:39 से रात 08:14 बजे तक
वृषभ काल- शाम 7 बजे से रात 8:56 बजे तक

धनतेरस कथा

धन्वन्तरी जयंती या धनतेरस मनाये जाने के सन्दर्भ में ये घटना आती है कि, पूर्वकाल में देवराज इंद्र के अभद्र आचरण के परिणामस्वरूप महर्षि दुर्वासा ने तीनों लोकों को श्रीहीन होने का श्राप दे दिया था जिसके कारण अष्टलक्ष्मी पृथ्वी से अपने लोक चलीं गयीं। पुनः तीनोलोकों में श्री की स्थापना के लिए व्याकुल देवता त्रिदेवों के पास गए और इस संकट से उबरने का उपाय पूछा, महादेव ने देवों को समुद्रमंथन का सुझाव दिया जिसे देवताओं और दैत्यों ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। समुद्र मंथन की भूमिका में मंदराचल पर्वत को मथानी और नागों के राजा वासुकी को मथानी के लिए रस्सी बनाया गया।वासुकी के मुख की ओर दैत्य और पूंछ की ओर देवताओं को किया गया और समुद्र मंथन आरम्भ हुआ।

समुद्रमंथन से चौदह प्रमुख रत्नों की उत्पत्ति हुई जिनमें चौदहवें रत्न के रूप में स्वयं भगवान् धन्वन्तरि प्रकट हुए जो अपने हाथों में अमृत कलश लिए हुए थे। भगवान विष्णु ने इन्हें देवताओं का वैद्य एवं वनस्पतियों और औषधियों का स्वामी नियुक्त किया। इन्हीं के वरदान स्वरूप सभी वृक्षों-वनस्पतियों में रोगनाशक शक्ति का प्रादुर्भाव हुआ। 

आयुर्वेद के अनुसार भी धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति स्वस्थ शरीर और दीर्घायु से ही संभव है। शास्त्र भी कहते हैं कि ‘शरीर माध्यम खलु धर्म साधनम्’ अर्थात- धर्म का साधन भी निरोगी शरीर ही है, तभी आरोग्य रुपी धन के लिए ही भगवान् धन्वन्तरि की पूजा आराधना की जाती है। ऐसा माना जाता है की इस दिन की आराधना प्राणियों को वर्षपर्यंत निरोगी रखती है।

समुंद मंथन की अवधि के मध्य शरद पूर्णिमा को चंद्रमा, कार्तिक द्वादशी को कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धन्वंतरी और अमावस्या को महालक्ष्मी का प्रादुर्भाव हुआ। धन्वंतरी ने ही जनकल्याण के लिए अमृतमय औषधियों की खोज की थी। इन्हीं के वंश में शल्य चिकित्सा के जनक दिवोदास हुए महर्षि विश्वामित्र के पुत्र सुश्रुत उनके शिष्य हुए जिन्होंने आयुर्वेद का महानतम ग्रन्थ सुश्रुत संहिता की रचना की। 

100 साल बाद इस महासंयोग में धनतेरस

धनतेरस अबूझ मुहूर्त है। इसी दिन स्वास्थ्य के देवता भगवान धनवंतरि की जयंती भी है। धनतेरस के दिन शुक्रवार के दिन शुक्र प्रदोष भी रहेगा। जिस कारण से शुक्र प्रदोष और धन त्रयोदशी का महासंयोग बन रहा है। वही अगर इस दिन बने योगों की बात करें तो ब्रह्म व सिद्धि योग बन रहा है। ऐसा महासंयोग 100 साल के बाद दोबारा बन रहा है। इस दिन जो भी शुभ कार्य या खरीदी की जाए वह समृद्धिकारक होती है।

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7 thoughts on “धनतेरस शुभ संयोग 2019: 100 साल बाद इस महासंयोग में धनतेरस”

  1. धनतरेस और दिवाली से पहले ज्वेलरी बाजार में फिर चमक आ गई है। रिकॉर्ड तेजी के बाद कीमतों में स्थिरता आने से ग्राहक का रुझान फिर सोने की तरफ बढ़ा है। ज्वेलर्स को 2 साल बाद इस बार दिवाली पर फिर अच्छी डिमांड की उम्मीद है। बुलियन कारोबारी इस बार सोने की डिमांड में 20 से 25 प्रतिशत ग्रोथ की उम्मीद कर रहे हैं। धनतेरस से ठीक एक दिन पहले ज्वेलरी बाजार में कैसी हलचल देखने को मिल रही है इसी पर सीएनबीसी-आवाज़ का फोकस होगा।

  2. वामन हरि पेठे ज्वेलर्स के आदित्य पेठे, Tanishq के रीजनल बिजनेस मैनेजर मोहित रोडेजा, Caratlane के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट आक्रोश शर्मा, Punjabi Saraf Jewellers के सुमित आनंद और Religare Broking की सुगंधा सचदेवा सीएनबीसी-आवाज़ के साथ जु़ड़ गये हैं।

  3. MCX पर सोने के दाम 38,000 के ऊपर पहुंच गये हैं। उधर रुपए में कमजोरी से कीमतों को सपोर्ट मिला है। वहीं Brexit को लेकर अनिश्चितता से सहारा मिला है हालांकि ETF फंड SPDR गोल्ड ट्रस्ट की होल्डिंग घटी है।

  4. इस बीच त्योहारी सीजन के चलते धनतेरस, दिवाली से पहले सोने की मांग बढ़ी है। इस बार 2 साल बाद दिवाली पर डिमांड बढ़ने की उम्मीद है। इस साल बिक्री 20-25 प्रतिशत ज्यादा रहने की उम्मीद है। इस बार बुलियन के मुकाबले ज्वेलरी की डिमांड ज्यादा है। वहीं फेस्टिव सीजन में 200-230 टन सोने की डिमांड है।

  5. इस साल घरेलू बाजार में सोना रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। इस साल सोने ने करीब 21 प्रतिशत रिटर्न दिया है। ट्रेड वॉर के कारण सोने में तेजी बनी हुई है। वहीं अमेरिका में दरें घटने से सोने में चमक आई है। इस बीच ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती से सोने को सपोर्ट मिला है जबकि सेंट्रल बैंकों की खरीदारी से सोने में तेजी बनी हुई है।

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