FY25 में 6.5-7% के बीच रहेगी GDP 

सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था ने कई जियो पॉलिटिकल चुनौतियों के बावजूद वित्त वर्ष 2023 में रफ्तार बनाकर रखी और इसे वित्त वर्ष 24 में आगे बढ़ाया. इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में भारत की रियल GDP ग्रोथ 8.2% रही है, जो वित्त वर्ष 24 की चार में से तीन तिमाहियों में 8% से ज्यादा थी

बढ़ती महंगाई से चतुराई से निपटा गया

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि कैपेक्स पर सरकार के जोर और लगातार बढ़ते निजी निवेश ने पूंजी निर्माण को बढ़ावा दिया है. FY24 में रियल ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन में 9% की ग्रोथ देखने को मिली है.

वैश्विक तनाव, सप्लाई चेन की चिंताओं और मॉनसून की अनिश्चितता से महंगाई पर पड़ने वाले दबाव को प्रशासनिक और मॉनिटरी पॉलिसी से चतुराई से निपटा गया है. यही वजह रही है कि FY23 में औसत 6.7% के बाद, रिटेल महंगाई FY24 में घटकर 5.4% हो गई.

चालू खाता घाटा में सुधार

  • वैश्विक और सप्लाई चेन की चिंताओं, मॉनसून की अनिश्चतता से महंगाई पर दबाव
  • प्रशासनिक और मॉनिटरी पॉलिसी से महंगाई के संकट से चतुराई से निपटा गया
  • FY23 में औसत 6.7% के बाद, रिटेल महंगाई FY24 में घटकर 5.4% हो गई

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि वस्तुओं की दुनिया भर में डिमांड में सुस्ती देखने को मिली है, जिसकी वजह से बाहरी संतुलन पर दबाव पड़ा है. लेकिन इसको बेहतर तरीके से मैनेज किया गया है. मजबूत सर्विसेज एक्सपोर्ट ने इसे काफी हद तक संतुलित कर दिया है. – FY24 के दौरान चालू खाता घाटा (CAD) GDP का 0.7% रहा है. जो कि जो कि FY23 के दौरान 2% था, ये इस बात की ओर इशारा करता है कि चालू खाता घाटा में काफी हद तक सुधार हुआ है

  •  FY24 के दौरान चालू खाता घाटा (CAD) GDP का 0.7% रहा है
  • जो कि FY23 के दौरान रहे 2% के चालू खाता घाटा से सुधार को दर्शाता है
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