Fed Policy Today: अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) आज ब्याज दरों को लेकर अपनी पॉलिसी का ऐलान करेगा, मोटे तौर पर ब्याज दरों को लेकर फेड (Fed) का क्या फैसला होगा, ये तय है, लेकिन अमेरिका में बैंकिंग संकट जिस तरह से गहरा रहा है, उसे लेकर शेयर बाजार (Share Market) के गलियारों में कयासों का बाजार भी गर्म है.
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बैंकिंग संकट से फिर डर का माहौल
दरअसल, बीते हफ्ते में फर्स्ट रिपब्लिक बैंक की वजह से बैंकिंग सिस्टम को लेकर डर का माहौल एक बार फिर पैदा हुआ है, उससे ये भी कयास लगने शुरू हो गए हैं कि फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) इस बार से ही ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर ‘पॉज’ का बटन दबा देगा. लेकिन जे पी मॉर्गन चेज के चीफ इकोनॉमिस्ट माइकल फेरोली का कहना है कि ये साफ है कि फेड इस बार तो ब्याज दरें बढ़ाने जा रहे हैं. हां, आप ब्याज दरों में बढ़ोतरी को रोकने को लेकर भी कई आवाजें सुन रहे हैं, तो ऐसा है कि फेड भी ब्याज दरों (Interest Rate) में बढ़ोतरी को रोकना चाहता है, लेकिन महंगाई को लेकर उसका काम अभी खत्म नहीं हुआ है.’
कल से शुरू हुई फेड की बैठक का आज दूसरा और आखिरी दिन है, आज देर रात को FOMC (Federal Open Market Committee) अपनी पॉलिसी का ऐलान करेगा.
ब्याज दरों से फेड के ‘आउटलुक’ पर नजर
काफी हद तक ये बात तय है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों पर क्या फैसला करने वाला है, लेकिन इंतजार पॉलिसी रेट से ज्यादा फेड की भविष्य को लेकर कमेंट्री और आउटलुक पर है. क्या फेड मई पॉलिकी के बाद भी ब्याज दरें बढ़ाएगा? इस सवाल का जवाब जानने के लिए अमेरिकी बाजार बीते कई सत्रों से एक दायरे में ही घूम रहे हैं.
दुनिया भर के बाजार इस बात को मानकर चल रहे हैं कि फेडरल रिजर्व मई की पॉलिसी में ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी करेगा, मार्च से शुरू हुई बढ़ोतरी मई भी भी जारी रहेगी और ये लगातार 10वीं बढ़ोतरी होगी, इस बढ़ोतरी के बाद अमेरिका में ब्याज दरें 5% to 5.25% की रेंज में आ जाएंगी, जो कि 2007 के बाद से सबसे ऊंचा स्तर होगा.
मई की पॉलिसी एक निर्णायक पॉलिसी साबित हो सकती है, क्योंकि ब्याज दरों में बढ़ोतरी के इतर अब फेडरल रिजर्व का रुख और आउटलुक क्या रहता है, इस पर बाजार टकटकी लगाए बैठा है. बाजार के मन में इस वक्त दो ही सवाल घूम रहे हैं.
बाजार के मन में सवाल
- क्या मई की पॉलिसी के बाद ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला थम जाएगा
- क्या इस साल के अंत से पहले पहले ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला देखने को मिल सकता है.
फेड के संदेश पर टिकी बाजार की चाल
क्योंकि 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी को बाजार पहले ही डिस्काउंट कर चुके हैं, अगर फेड की तरफ से ब्याज दरों को थामने को लेकर कोई साफ संदेश नहीं आता है तो बाजार में बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है.
जब कई इकोनॉमिस्ट्स और FOMC खुद भी इस बात को साफ तौर पर कह चुके हैं कि साल 2023 में अमेरिका की इकोनॉमी ‘हल्की मंदी’ में जा सकती है, बावजूद इसके ब्याज दरों पर अगर फेडरल रिजर्व का रुख हॉकिश रहता है तो ये बाजारों के लिए बुरी खबर होगी.
पिछले साल तक अमेरिका में महंगाई दर 9% तक पहुंच गई थी, फेडरल रिजर्व के बॉस जेरोमी पॉवेल और उनकी टीम ने एकमत से ब्याज दरों में धड़ाधड़ बढ़ोतरी की. एक साल से चले आ रहे इस सिलसिले का अब अंत होने का अनुमान लगाया जा रहा है. लेकिन महंगाई को लेकर सवाल अब भी वही है, क्योंकि महंगाई अमेरिका के 2% के लक्ष्य से कहीं ज्यादा है. ऐसे में दरों पर रोक लगेगी या नहीं, ये एक बड़ा सवाल है.
इकोनॉमिस्ट्स का नजरिया
फेड मई की पॉलिसी में क्या करेगा, इस पर ब्लूमबर्ग के इकोनॉमिस्ट का कहना है कि 3 मई के फैसले में FOMC की ओर से ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी के संकेत हैं जिससे ब्याज दरें बढ़कर 5.25% हो जाएंगी, भले ही बैंकिंग सिस्टम में कितनी ही उथल पुथल क्यों न चल रही हो. इसके बाद कुछ समय के लिए ब्याज दरों की बढ़ोतरी पर रोक लग जाएगी.’
FOMC इस पॉलिसी में ये ऐलान कर सकता है कि वो महंगाई दर को 2% के लक्ष्य तक लाने के लिए काफी कोशिशें कर चुके हैं. इकोनॉमिस्ट का मानना है कि ‘अगले चरण की बढ़ोतरी का चक्र ब्याज दरों को ऊंचे स्तर पर बनाए रखने पर होगा और ये देखना कि महंगाई का ट्रेंड घट रहा है या नहीं.’
हॉन्ग कॉन्ग में JPMorgan Chase & Co. में मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट जूलिया वांग का कहना है कि निवेशकों की नजर फेड के टोन पर रहेगी कि, क्या वो किसी तरह का हॉकिश सरप्राइज देता है. वांग ने कहा कि निकट अवधि में दरों में कटौती होने की संभावना नहीं दिखती है.’
KPMG की चीफ इकोनॉमिस्ट डायने स्वॉन्क का कहना है कि ये एक बेहद अहम बैठक होने जा रही है, हम इस मैराथन में फेड के लिए सबसे कठिन दौर के करीब पहुंच रहे हैं – वो हिस्सा जहां दरों में बढ़ोतरी के लिए प्रतिघात (Backlash) तेज होगा, ऐसा फेड को सामना नहीं करना पड़ा है.’
खैर, फेडरल रिजर्व की बैठक के बाद फैसला आज देर रात तक आएगा, जिसका असर भारत और दुनिया भर के बाजारों पर अगले दिन यानी गुरुवार को देखने को मिलेगा. अगर फेड ने ब्याज दरों लगाम लगाने के संकेत दिए तो दुनिया भर के दूसरे देश भी, दरों पर लगाम लगाने का सिलसिला शुरू करेंगे, हालांकि भारत पिछली पॉलिसी में पहले ही दरों को रोक चुका है.