Gold Silver Reports – Bitcoin Fake or Real? — 7 साल में 1 लाख का निवेश बन गया 625 करोड़। सुनने में ये असंभव लगता है। इस पर भरोसा करना नामुमकिन है, लेकिन ऐसा हुआ है और हो रहा है। ये है बिटकॉइन। जो इन दिनो जबरदस्त चर्चा में है। कल से आज में ये 1000 डॉलर बढ़ चुका है और शायद कल इसकी कीमत और भाग जाए, लेकिन आखिर ऐसा क्या है बिटकॉइन (Bitcoin) में कि इसके मूल्य में इतना-इतना बढ़ा इजाफा हो रहा है और वो भी इतनी तेजी से। क्या ये कोई लॉटरी है, कोई सट्टा है या फिर ये एक बुलबुला है जो जब फूटेगा तो कइयों को कंगाल कर देगा। आखिर क्या है बिटकॉइन की ये मायावी दुनिया और क्या इससे वाइक सपनों की दौलत कमाई जा सकती है।
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बात बिटकॉइन की। एक ऐसी वर्चुअल करेंसी जो पूरी दुनिया में धमाल मचाए हुए है। इसकी कीमत आज 10 हजार डॉलर के पार चली गई है। अगर रुपये में बात करें तो 1 बिटकॉइन का दाम 65000 रुपये तक पहुंच गया है। पिछले 1 साल में इसमें करीब 900 फीसदी का उछाल देखने को मिला है।
भारत में वैसे बिटकॉइन को मान्यता नहीं है। लेकिन चर्चा सरेआम है। तो कैसे करें बिटकॉइन में कारोबार आइए जानते हैं। बिटकॉइन में ग्लोबल संस्थागत निवेशकों का रुझान बढ़ा है। 2018 में इसके दाम 40000 डॉलर तक जाने की उम्मीद है।
बता दें कि बिटकॉइन यूनिकॉर्न और कॉइनबेस से ऑनलाइन खरीदे जा सकते हैं। इसमें केवाईसी के लिए पता और पैन कार्ड की जरूरत होती है। लेकिन बिटकॉइन से सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि ये एक अन-रेगुलेटेड करेंसी है। इसमें अकाउंट हैक होने का भी खतरा है। वहीं इसमें पासवर्ड भूलने पर दोबारा नहीं मिलता ये भी ध्यान रखने की जरूरत है।
दरअसल, बिटकॉइन की शुरूआत भी रहस्यमय तरीके से 2009 में हुई, जब सातोशी नाकोमोतो के नाम से किसी व्यक्ति या ग्रुप ने इसे लॉन्च किया। लेकिन लोकप्रिय होने के बाद जैसे वो गायब हो गया। लेकिन ये अपने इंटरनल लॉजिक से आज भी चल रहा है।
एक ओपन डाटाबेस पर इसे कई लोग मिलकर कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिए ये करेंसी तैयार करते हैं, इस पर ट्रांजैक्शन करने का अधिकार दूसरों को देते हैं। इन्हें माइनर्स कहा जाता है। बैंकों की तरह कई कंपनियां बिटकॉइन के एक्सचेंज और वॉलेट चलाती हैं। भारत में भी 20 से ज्यादा स्टार्टअप्स इस काम में लगे हैं। बिटकॉइन की कीमत बहुत तेजी से गिरती और चढ़ती रही है।
बिटकॉइन ऐसे कंप्यूटर कोड होते हैं जिनपर हर ट्रांजैक्शन के साथ एक डिजिटल सिग्नेचर जुड़ता जाता है। फिर भी इससे बिना अपनी पहचान बताए ट्रांजैक्शन किया जा सकता है। इसलिए ये कारोबारियों के साथ आजादी पसंद लोगों, युवा टेक्नो एंथुजियास्ट, सट्टेबाजों और क्रिमिनल्स में काफी पाप्युलर है। हाल में रैनसमवेयर साइबर अटैक करने वालों ने भी पीड़ितों से बिटकॉइन में ही फिरौती मांगी थी।
बिटकॉइन में निवेश का खतरा अधिक है। इसमें कीमत में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव होता है। बिटकॉइन न तो कमोडिटी है और न ही करेंसी बल्कि इसे समझना काफी मुश्किल है। दुनियाभर में बिटकॉइन के लिए कोई रेगुलेशन नहीं है। बिटकॉइन में फ्रॉड होने का खतरा है और इसे पॉन्जी स्कीम के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। बिटकॉइन रेगुलेटेड करेंसी नहीं है। पासवर्ड भूलने पर दोबारा पासवार्ड नहीं मिलेगा। इसमें अकाउंट हैक होने का भी खतरा अधिक होता है।
समानांतर करेंसी की चुनौती के तौर पर ये दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों के लिए भी चिंता का विषय बन चुकी है। आरबीआई भी बिटकॉइन में ट्रेड करने वाले तमाम लोगों को प्रेस रिलीज जारी कर दो बार इसके खतरों के बारे में चेता चुका है।
भारत सरकार ने इसकी मौजूदा स्थिति, रेगुलेशन की गुंजाइश और खतरों की पड़ताल करने के लिए कई सरकारी वित्तीय संस्थाओं से लोगों को लेकर एक कमिटी बनाई है और अब लोगों से भी इसपर सुझाव मांगे हैं। सरकार ने पूछा है कि वर्चुअल करेंसी को बैन किया जाए, रेगुलेट किया जाए या सिर्फ निगरानी की जाए? सरकार ने लोगों से इसपर MYGOV.IN पर विस्तार से सुझाव मांगे हैं। – Neal Bhai Reports