Big Gold Policy in India – देश में सोने का बाजार बदलने की बड़ी तैयारी!

Gold Silver Reports – सरकार सोने पर बड़ी पॉलिसी की तैयारी कर ही है। इसके लिए गठित वातल कमिटी ने अपने सुझाव सरकार को सौंप दिए हैं। 200 पन्ने के इस रिपोर्ट में 2022 तक लक्ष्य हासिल करने के लिए बड़ा खाका खिंचा गया है। रिपोर्ट में देश की जीडीपी में गोल्ड इंडस्ट्री का योगदान बढ़ाने लक्ष्य दिया गया है। इसके तहत ज्वेलरी एक्सपोर्ट और रोजगार बढ़ाने का भी मेगाप्लान है। यही नहीं सोने की खपत बढ़ने से इकोनॉकी को जो डर है यानि करंट अकाउंट बढ़ने का, उसे भी साधा गया है। बेशक ये रिपोर्ट सोने को सभी बंधनों से मुक्त करके और सुविधाओं के सहारे ज्वेलरी इंडस्ट्री के लिए बड़ी लकीर खींचने की ओर इशारा कर रही है। लेकिन इंडस्ट्री इसे कैसे देख रही है और कंज्यूमर को क्या मिलेगा, ये समझने के लिए सीएनबीसी-आवाज़ लेकर आया है ये खास पेशकश।

Gold Policyवातल कमिटी ने सोने पर सरकार को कई बड़े सुझाव दिए है और 2022 तक का लक्ष्य तय करने की सिफारिश की है। इस सिफारिश में जीडीपी में गोल्ड इंडस्ट्री का योगदान बढ़ाने पर जोर देने के साथ ही ज्वेलरी एक्सपोर्ट और रोजगार बढ़ाने का खाका दिया गया है।

वाताल कमिटी की रिपोर्ट में जीडीपी में गोल्ड इंडस्ट्री का योगदान 3 फीसदी करने, ज्वेलरी एक्सपोर्ट 2000 करोड़ डॉलर तक पहुंचाने और इस सेक्टर में 1 करोड़ रोजगार पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है।

इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कई बड़े बदलाव की सिफारिश की गई है। वाताल कमिटी के अपनी रिपोर्ट में सोने के लिए अलग एक्सचेंज बनाने, भारतीय गोल्ड काउंसिल बनाने, माइनिंग को बढ़ावा देकर घरेलू सप्लाई बढ़ाने और सीएडी पर असर रोकने के लिए एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के सुझाव दिए हैं।

सोने पर बड़े सुझाव देते हुए वाताल कमिटी ने कहा है कि सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाई जाए, ज्वेलरी एक्सपोर्टर को 3 फीसदी आईजीएसटी से छूट दी जाए, ज्वेलरी सेक्टर पर जीएसटी मौजूदा 3 फीसदी से घटाई जाए, जीएसटी से छूट की सीमा मौजूदा 20 लाख से बढ़ाई जाए और तीन महीने के भीतर टैक्स रिफॉर्म पर फैसला लिया जाए।

Read More: Tariff Tantrums: Gold Prices Recover Losses as Safe Haven Demand Returns

कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में सरकार से सोने से सख्ती हटाने, हॉलमार्किंग के लिए पहले पर्याप्त सेंटर बनाने, ज्वेलरी सर्टिफिकेट के नियमों में बदलाव करने, विदेशी क्रेडिट कार्ड से ज्वेलरी खरीदने की छूट देने और सोने में डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने की भी सिफारिश की है। कमिटी की और सिफारिशें भी हैं जैसे गोल्ड लोन पर ब्याज अंतरराष्ट्रीय दर से तय हो, गोल्ड मोनेटाइजेशन के तहत जमा सोना सीआरआर का हिस्सा बने गोल्ड मोनेटाइजेशन में 1 ग्राम तक सोना रखने की छूट हो, गोल्ड सेविंग्स अकाउंट शुरू किया जाए, गोल्ड बोर्ड बनाया जाए जो वित्त मंत्रालय के तहत हो। सभी मंत्रालयों के प्रतिनिधि इस बोर्ड के सदस्य हों, वेयरहाउसिंग और रेगुलेटर भी गोल्ड बोर्ड के सदस्य हों।

इस रिपोर्ट में भारत को सोने का हब बनाने पर फोकस करने और भारत में सरकार द्वारा गोल्ड माइनिंग के लिए रिस्क कैपिटल मुहैया कराने, गोल्ड एक्सपोर्टर्स को एमईआईएस यानि मर्केंटाइज एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम में शामिल करने और एमईआईएस स्कीम के तहत 2 फीसदी ड्यूटी रियायत देने की भी सिफारिश की गई है।

Spread the love

Neal Bhai has been involved in the Bullion and Metals markets since 1998 – he has experience in many areas of the market from researching to trading and has worked in Delhi, India. Mobile No. - 9899900589 and 9582247600

Leave a Comment